Din Thaa Ek Aisa
किस्से कहानियों की बात है,
बात है एक हसीना की
रहती थी वो एक ,
जादुई महल में,
महल में थे उसके
नौकर ढेर सारे
एक दिन मैं भी
एक दिन मैं भी
पहुँच गया वहाँ पर,
जहाँ ना जाते पुरुष थे कभी...
देखा मैंने उसको
देखा मैंने उसको
थी भीगी जल परी वो
दिन था एक ऐसा
लड़का मेरे जैसा
लड़के से जाने कब
युवा हो गया
होता प्यार क्या है,
मुझको ज्ञान हो गया
तेरे मेरे रास्ते...
तेरे मेरे रास्ते थे,
थे प्यार के दरमियाँ
जाना मुझको चलकर था
उनसे तब कभी
वो महलों वाली अप्सरा
वो सुंदरी वो दिलरुबा,
सोचती तो होगी
मेरे बारे सही
ये सोचकर मैं
ये सोचकर मैं फिर से चल दिया ,
वहाँ
दिन था एक ऐसा
लड़का मेरे जैसा
लड़के से जाने कब
युवा हो गया
होता प्यार क्या है,
मुझको ज्ञान हो गया
आई वो पास में
सुन सुन सुन सुन
आई वो पास में
बोली सुन ओ पिया
क्या ये कोई सपना था
मैं फिक्र में पड़ गया
देखा मैंने आँखों में
वा जी वा ,वा जी वा...
देखा मैंने आँखों में
प्यार उसको भी हुआ
लेकिन उसको मुझसे ना
उसको... प्यार उससे हुआ
जो मेरे पीछे था खड़ा
था कोई राजकुमार
दिन था एक ऐसा
लड़का मेरे जैसा
लड़के से जाने कब
युवा हो गया
होता प्यार क्या है,
मुझको ज्ञान हो गया...
दिन था एक ऐसा
Din Thaa Ek Aisa Written By Pardeep Sharma Reg.SWA
Pardeep 100X